गणेशजी और खीर की कहानी
करवाचौथ पर विशेष रूप से आपके लिए ➤ यह एक गणेश जी कि कथा है. जो बहुत प्रचलित है. हमेशा से व्रत-उपवास के समय कही सुनी जाती है. विनायक कथा के रुप में इसे ज्यादा जाना जाता है. गणेशजी और खीर की कहानी गण एक बार गणेशजी ने पृथ्वी के मनुष्यों परीक्षा लेने का विचार किया. वे अपना रुप बदल कर पृथ्वी पर भ्रमण करने लगे. उन्होंने एक बालक का रूप बना लिया. एक हाथ में एक चम्मच में दूध ले लिया और दूसरे हाथ में एक चुटकी चावल ले लिए और गली-गली घूमने लगे, साथ ही साथ आवाज लगाते चल रहे थे, “ कोई मेरे लिए खीर बना दे , कोई मेरे लिए खीर बना दे …”. कोई भी उनपर ध्यान नहीं दे रहा था बल्कि लोग उनपर हँस रहे थे. वे लगातार एक गांव के बाद , दूसरे गांव इसी तरह चक्कर लगाते हुए पुकारते रहे. पर कोई खीर बनाने के लिए तैयार नहीं था. सुबह से शाम हो गई गणेश जी लगातार घूमते रहे. एक बुढ़िया थी. शाम के वक्त अपनी झोपड़ी के बाहर बैठी हुई थी , तभी ...
कथा बहुत रोचक एवं ज्ञानवर्धक है। इसके लिए बहुत-बहुत बधाई।
ReplyDeleteKhani Bhuat aichi ha
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